दिल्ली पुलिस ने हाल ही में साइबर जालसाजों के एक गिरोह को पकड़ा है जो जाली दस्तावेज के आधार पर लोगों की बीमे की रकम निकाल लेता था. गिरोह ने 22 पॉलिसी धारकों को 2 करोड़ 38 लाख रुपए का चूना लगाया है. मृत व्यक्तियों की पॉलिसी से भी रकम निकाली गई. हैरत की बात यह है कि ये पूरा खेल बीमा कंपनी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा था.जागते रहो में जानिए कैसे हो रहा है इंश्योरेंस का ये फ्रॉड.
बीमा के नाम पर कई तरह की ठगी चल रही है. कैसे पहचाने बीमा मिससेलिंग और इनसे जुड़े फ्रॉड कॉल्स को? कहां करें इनकी शिकायत?
इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा की वार्षिक रिपोर्ट बताती है कि 2020-21 में हर 1000 बेची गई पॉलिसी में से 36 पॉलिसी में मिससेलिंग की शिकायत आई.
Health Insurance Fraud: अगर आपके पास इंश्योरेंस कंपनी की ओर से किए गए फर्जीवाड़ा का सबूत है, तो तुरंत उसके खिलाफ IRDAI में शिकायत दर्ज कराएं
धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए बीमा कंपनियों ने अपने ग्राहकों को आगाह किया है. कई बार पुलिस भी ऐसे स्कैमर्स के खिलाफ अलर्ट करती रहती है.
Health Insurance Fraud: धोखाधड़ी के मामले बढ़ने पर कई बार इंश्योरेंस कंपनियां मजबूरन सभी ग्राहकों के लिए रेगुलर पॉलिसी से जुड़े बेनेफिट घटा देती हैं
Insurance fraud के चलते क्लेम की कड़ी जांच होती है. इससे प्रोसेस लंबा हो जाता है जिसकी वजह से सेटलमेंट में देरी होती है.
Home Insurance: लोग अच्छी तरह से रिसर्च नहीं करते हैं और ऐसे में सही जानकारी न होने की वजह से गलत पॉलिसी ले लेते हैं.
आपकी गोपनीय जानकारी का उपयोग धोखेबाज आपकी बीमा पॉलिसी पर ऋण लेने, अनधिकृत दावा दायर करने या नामांकित व्यक्ति को बदलने के लिए कर सकते हैं.
Home Insurance: लोग अच्छी तरह से रिसर्च नहीं करते हैं और ऐसे में सही जानकारी न होने की वजह से गलत पॉलिसी ले लेते हैं.